Thursday, February 3, 2011

क्या करूँ यार...


मैंने अपनी लास्ट पोस्ट २९ जनवरी को लिखी थी! उसके बाद कुछ नहीं लिख सका !आज ३ फरवरी हो गई.खुद भी यही समझता रहा और दूसरों को भी यही बताता रहा की आजकल बहुत व्यस्त चल रहा हूँ. इसलिए नहीं लिख पा रहा  हूँ.....आज मैंने महसूस किया की तीन दिन का  पूरा समय निकल गया और मेरे मन में ब्लॉग खोलने का विचार तक नहीं आया!

ऐसा क्यों हुआ......कुछ लिखने का मन ही नहीं हुआ! शायद मैं कुछ समझ नही पा रहा था..आज गुरु जी ने क्लास में मेरी क्लास लगाई......तब जाकर आज लिख रहा हूँ! यार गुरु जी ने कहा की मुझे पेर्सोनालिटी डिसोर्डर की प्रोब है..उन्होंने ऐसा क्यू कहा...अब आप आप ही बताओ मै क्या करू......मै हू ही ही ऐसा??????खैर छोडिये इन सब बातों को....बात लिखने की करते हैं मेरे क्लास में कई लोगों ने ब्लॉग बनाया और सब एक से बढ़ एक लिखय्या...भावना..मनीष..दीपू..अनमता..शुभी..

इन  लोगों को नियमित ब्लॉग लिखते देखता हूँ तो बड़ा सुखद आश्चर्य होता है! भगवान ने ऐसा जूनून मुझे क्यों नहीं दिया! किसी भी चीज़ से बहुत जल्दी उकता जाता हूँ मैं...मन हमेशा कुछ नया करना चाहता है! शायद इसीलिए मैं किसी चीज़ में परफेक्ट नहीं बन पाया ! बहुत कुछ सीखा ...पर सब थोडा थोडा! उसके बाद फिर एक नयी चीज़ की तलाश! मेरे एक दोस्त कहते  है....खुदा का शुक्र है की तू रिश्तों से बोर नहीं होता वरना मेरा तो पत्ता कट चुका होता! सचमुच इश्वर का शुक्र है आज भी मेरे फोरथ क्लास का दोस्त मेरा उतना ही पक्का दोस्त है......हाँ अब संख्या में इजाफा हो चुका है!.........
...गुरु जी कहते हैं की बेटा अपने मन की बात मन में मत रखो...कुछ लिखो!!!!!अब मै क्या लिखूं क्या लिखूं क्या लिखूं???????.....याररर !!!!मन में तो बहुत कुछ है.
...............................................................................................................तो चलो आज से लिखना शुरू...अब मन की बात ब्लॉग पर होगी.......और तकनीकी ने साथ दिया तो हर रोज आप से मुलाकात होगी.....

1 comment:

  1. आशीष मेरी बात का बुरा मत मानो पर मेरे इतना कहने से तुम ब्लॉग पर तो आये कुछ लिखा तो सही बस यही मैं चाहता हूँ गुस्से में कुछ करो तुमने वैसा ही किया बस लिखो यार

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