मै अक्सर खामोश रहता हूँ.
दुनियां के पेचोंखम से दूर रहता हूँ.
वो सख्स जिसे मैंने टूट कर चाहा जिंदगी कि तरह.
उसने मेरे दिल के टुकड़े टुकड़े कर दिए..
इसलिए
अब मै इस चाहत के झमेले से दूर रहता हूँ..
मै अक्सर खामोश रहता हूँ.
मुझे शोर पसंद नही.
दिल मेरा शोर करता है..
टुकड़ों को फिर से जोड़ने कि कोशिश करता है..
इसलिए अब मैंने दिल कि बातों को सुनना छोड दिया है..
मै अक्सर खामोश रहता हूँ
फजायें शोर करती हैं..
फिजाओं में उसी के तराने गूंजते हैं..
इसलिए
अब मैंने
फजाओं में निकलना छोड दिया है..
अब मै अक्सर खामोश रहता हूँ
धडकने शोर करती हैं
मुझे शोर पसंद नही
धडकनों पर जोर नही
इसलिए
धडकने थम जाएँ रब से ये दुआ मानता हूँ...
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आज दिल फिर उदास है.लाख चाहने के बावजूद मै उसे भूल नही पा रहा हूँ...मुझे बस उसी का
ख्याल आ रहा है..उसकी भोली सूरत..उसकी बातें..उसकी मासूम शरारतें...यूँ तो मै अक्सर खुद
को संभाल लेता हूँ लेकिन आज टूट के बिखर जाना चाहता हूँ.किसी के काँधे पर सर रखकर जी
भर रोना चाहता हूँ......
नोट-ये जज्बात मेरे प्रिय मित्र टिंकू के हैं.....
थोडा और प्रयास करो ये और भी अच्छा हो सकता है
ReplyDeleteपर प्रथम प्रयास के लिहाज से अच्छा लिखा है थोडा वक्त दो अपने आप को उस दुःख के चरम को और महसूस करो जिसे टिंकू या तुमने भोग है फिर लिखो
बहुत खूबसूरत...भावनाओं का संगम है ...
ReplyDeleteKYA BAT HAI GURU EHSAS HAI YA KUCH AUR
ReplyDeleteMAI BHEJ RHA HU RAHUL KE NAM SE KYO JA RHA HAI DEEPU
ReplyDeleteगुरूजी,भावना,दीपू..आपका धन्यवाद....गुरूजी आगे से ख्याल रखूंगा
ReplyDeleteटूटना- बिखरना- जुडना -अलग होना -मिलना -खोना -पाना -यही तो लाइफ है
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