Saturday, January 29, 2011

एक लड़की ऐसी भी...


यूँ तो जिंदगी में बहुत से लोग मिलते रहते हैं,लेकिन उनमे से कुछ ऐसे होते हैं जो हमको प्रभावित करते हैं.जिनसे हम कुछ सीख सकते हैं.ऐसे ही एक शख्शियत हैं हमारी क्लास में.दिखने में भोली-भाली.सीधी-साधी सी.लेकिन हैं बहुत ही कड़क एकदम ब्र्रुकबांड रेडलेबल की तरह की तरह.......उनकी कड़कपन  की मिशाल ये है की जब वो अपने आ जाती हैं तो अच्छे अच्छों की ऐसी की तैसी कर डालती फिर वो चाहे कोई सीनियर ही क्यों न हो...हम बात कर रहें हैं.अपनी क्लासमेट नीतू की.......नीतू सिंह यूँ तो हर दम शांत शांत सी रहती हैं .बहुत कम बात करती हैं.जो करती भी हैं सिर्फ काम की...लेकिन ये इनकी फितरत नहीं है .....मुझे अच्छी तरह याद है जब मै इनसे पहली बार मिला था....ये पहली ऐसी लड़की थी जो हम बॉयस से फ्रेंडली बिहैविअर रखती थी..और हमसे  बात चीत करती थी.और हमारा ख्याल रखती थी..हलाकि ये शुरू शुरू में विकाश के साथ ज्यादा दिखती थी..विकास हमारी क्लास का लड़का है जो अब बहुत ही कम क्लास करने आता है...नीतू अपने आप में एक बेमिशाल कैरेक्टर हैं...इनकी कुछ बातें मुझे प्रभावित करती हैं....
.............पहला इनकी खुशमिजाजी-नीतू हर पल को मस्ती की साथ जीती हैं.इनका मानना है की जब इरादे बुलंद हो तो मंजिल की डगर मुश्किल नहीं होती..बसरते आपका निशाना सही जगह पर होना चाहए..अगर कहीं पे निगाहे कहीं पे निशाना ......तो काम गडबड ....सावधानी हटी दुर्घटना घटी...इस लिए अपने लक्ष्य को हमेशा ध्यान में रखो....इन्होने कईयों को इस बात के लिए प्रेरित भी किया है....नीतू हर पल को जी भर के जी लेने में विश्वास करती हैं..इनका मानना है की इंसान के ऊपर बंदिशें नही होना चाहिए उसे आजादी मिलनी चाहिए ....नीतू पहली नजर में एकदम हाई-फाई दिखती हैं लेकिन इनके विचारों में बड़ी सादगी और गहराई छिपी हुई है...ये समाज के सभी लोगों को खुशहाल देखना चाहती हैं.सिर्फ चाहती ही नही काम भी करती हैं..ये सब को खुश रखती हैं.यहाँ तक उन लोगों को भी जो इनकी खिचाई करते हैं...नीतू की जिंदगी का ये नजरिया उन्हें औरों से अलग बनाता है...
...............दूसरी उनकी सोच-नीतू का मानना है की संतोसम परम सुखं जैसे चीजे सिर्फ किताबों में पढ़ने में अच्छी लगती हैं रियल लाइफ में आम इंसान के लिया ऐसा कर पाना बेहद मुश्किल है..जिस दिन वह  संतुस्ट हो जायेगा उसी दिन उसकी प्रगति खतम हो जायेगी...इसलिए महत्वकांछा होना बहुत जरूरी है....नीतू जल्दी सतुस्ट नहीं होती हमेशा इनको तलास रहती है किसी नए टास्क की.कुछ बेहतर करने का इरादा लिए ये हमेशा अपने टारगेट को ताडती रहती हैं ....
..................तीसरी..गमों के बाद भी जिंदगी से कोई शिकवा नहीं.... हर किसी को मुकम्मल जहाँ नही मिलाता ...किसी जमीं तो किसी को आसमाँ नही मिलतानिदा फाजली की इस मशहूर गजल के इस मशहूर शेर में जिन्दगी के फलसफे को बड़े ही खूबसूरती से बयान किया गया है..नीतू इस सच से वाबस्ता हैं....नीतू कहती हैं इंसान को ये बात हमेशा याद रखना चाहिए जब जिंदगी में हमें गम मिलता है तो हम परेशान हो जाते हैं..अपनी किस्मत को कोसने लगते हैं....जबकि ऐसा नही करना चाहिए....
नीतू में ऐसे बहुत सारी खूबियां है.शायद उनको शब्दों में व्यक्त कर पाना थोडा मुश्किल होगा....
हमारे क्लास में सबसे जुदा और अमस्त नीतू को और जानना हो तो कभी मिल कर देखिये ..कसम से जीने का नजरिया बदल जायेगा...आपकी दुनिया बदल जायेगी...लेकिन एक बात का ख्याल रखियेगा नीतू को गुस्सा बहुत आता है..गुस्सा इसकी नाक पर होता है..लेकिन ये जितनी जल्दी गुस्साती है उतनी जल्दी मान भी जाती है...तो जनाब जब कभी आप लखनऊ विश्वविद्यालय आइये तो एक बार जरूर नीतू जी से मिलिए......


      

3 comments:

  1. बेहतर...पर कुछ और नया किया जा सकता था आशीष

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  2. आशीष जिस काम के हमें पैसे मिलते हैं बस वो नहीं हो पाया बाकी आपने लिखा बढ़िया है पर काफी जल्दबाजी में लिखा गया लगता है जरा सोचें इस मुद्दे पर शेष मिलने पर

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  3. bahut accha likha hai tumne, mere baare me bahut kuch jaana ki koshish ki hai ashish ji .....nice

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