अपनेको हँसता देख मै हैरान हो गया
तुझसे ही जिंदगी मै परेशां हो गया!
................................................. हैं कैसे कैसे लोग यहाँ आ कर बस गए
बसता हुआ जो घर था, वो वीरान हो गया!
................................................... किसका करें भरोसा ज़माने में हम आज
दिखता जो आदमी था शैतान हो गया!
................................................... इल्जाम भी लगाने से वो बाज नहीं आता
जो था अक्ल वाला नादाँ हो गया!
.................................................... या रब दुआ कीजिये उसपे करम सदा
जो दोस्त मेरा मुझसे ही अनजान हो गय!
dil ke baat hai aur dil se nikli hai
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